गारे पेलमा सेक्टर १ को लेकर फैलायी जा रही भ्रामकता

रायगढ़/अंचल के लोगों का कहना है कि गारे पेलमा सेक्टर १ को लेकर भ्रामकता फैलायी जा रही है।
जल-जंगल-जमीन की रखवाली करने में आदिवासी ग्रामीण जनता हमेशा आगे रहे हैं क्योंकि ये प्राकृतिक उपमानों में ईश्वर की उपस्थिति देखते हैं और यही उपासना यदि अस्तित्व की लड़ाई हेतु उतर जाएं तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं ।
इस क्षेत्र में संविधानानुसार पांचवीं अनुसूची का अनुपालन होता है ,अनुच्छेद 244(1) के तहत, इन क्षेत्रों में विशेष प्रशासनिक और भूमि-संबंधी प्रावधान होते हैं।यहां पेसा एक्ट, 1996 लागू है ,बता दें पेसा अधिनियम उन अनुसूचित क्षेत्रों में लागू होता है जहाँ जनजातीय आबादी अधिक है और ये इलाके संविधान की पांचवीं अनुसूची में आते हैं। यहां भूमि अधिग्रहण के विशेष नियम लागू हैं । छत्तीसगढ़ में भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता (LARR) नियमावली, 2016″ हैं, जो पेसा क्षेत्रों में विशेष प्रावधान देते हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 प्रभावी है जो राज्य-भूमि कानून है और इसमें आदिवासी भूमि संबंधी विशेष प्रावधान हैं। छत्तीसगढ़ में पेसा क्षेत्रों में मनी लेंडर्स एक्ट 1934 के विशेष प्रावधान भी हैं ,अनुसूचित क्षेत्रों में ऋण देने वालों की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया गया है इन सभी नियमों ने ग्राम सभा को विशेषाधिकार दिया हुआ है अतएव यहां कोई भी बड़ी गतिविधि जैसे भू खनन,भू अधिग्रहण आदि बिना ग्रामसभा के मान्यता के निरर्थक हैं ।
गारे पेलमा सेक्टर 1 प्रभावित सभी 14 गांव अपनी एकता और अखंडता को आत्मसात किये हुए हैं तथा भू संरक्षण में नित-नये प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं । इसी एकता के प्रभाव से हाल ही में होने वाले बाईक रैली व जनसभा को प्रशासन को रोकना पड़ा जो कि पूर्णतः अहिंसात्मक सिर्फ जागरूकता के लिए था । हाल ही में जिंदल के माध्यम से एक भ्रामक मुआवजा राशि कुछ वेब न्यूज़ के माध्यम से प्रचारित किया जा रहा जिसे सभी प्रभावित ग्राम पूर्णतः बेबुनियाद, भ्रामक और “खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे” के उद्धरण वाला बकवास मानते हैं ।



